The Quran in Hindi - Surah Buruj translated into Hindi, Surah Al-Burooj in Hindi. We provide accurate translation of Surah Buruj in Hindi - الهندية, Verses 22 - Surah Number 85 - Page 590.
وَالسَّمَاءِ ذَاتِ الْبُرُوجِ (1) शपथ है बुर्जों वाले आकाश की |
وَالْيَوْمِ الْمَوْعُودِ (2) शपश है उस दिन की, जिसका वचन दिया गया |
وَشَاهِدٍ وَمَشْهُودٍ (3) शपथ है साक्षी की और जिसपर साक्ष्य देगा |
قُتِلَ أَصْحَابُ الْأُخْدُودِ (4) खाईयों वालों का नाश हो गया |
النَّارِ ذَاتِ الْوَقُودِ (5) जिनमें भड़कते हुए ईंधन की अग्नि थी। |
إِذْ هُمْ عَلَيْهَا قُعُودٌ (6) जबकि वे उनपर बैठे हुए थे। |
وَهُمْ عَلَىٰ مَا يَفْعَلُونَ بِالْمُؤْمِنِينَ شُهُودٌ (7) और वे ईमान वालों के साथ जो कर रहे थे, उसे देख रहे थे। |
وَمَا نَقَمُوا مِنْهُمْ إِلَّا أَن يُؤْمِنُوا بِاللَّهِ الْعَزِيزِ الْحَمِيدِ (8) और उनका दोष केवल यही था कि वे प्रभावी प्रशंसा किये अल्लाह के प्रति विश्वास किये हुए थे। |
الَّذِي لَهُ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ وَاللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ شَهِيدٌ (9) जो आकाशों तथा धरती के राज्य का स्वामी है और अल्लाह सब कुछ देख रहा है। |
إِنَّ الَّذِينَ فَتَنُوا الْمُؤْمِنِينَ وَالْمُؤْمِنَاتِ ثُمَّ لَمْ يَتُوبُوا فَلَهُمْ عَذَابُ جَهَنَّمَ وَلَهُمْ عَذَابُ الْحَرِيقِ (10) जिन्होंने ईमान लाने वाले नर नारियों को परीक्षा में डाला, फिर क्षमा याचना न की, उनके लिए नरक का दण्ड तथा भड़कती आग की यातना है। |
إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ لَهُمْ جَنَّاتٌ تَجْرِي مِن تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ ۚ ذَٰلِكَ الْفَوْزُ الْكَبِيرُ (11) वास्तव में, जो ईमान लाये और सदाचार बने, उनके लिए ऐसे स्वर्ग हैं, जिनके तले नहरें बह रही हैं और यही बड़ी सफलता है। |
إِنَّ بَطْشَ رَبِّكَ لَشَدِيدٌ (12) निश्चय तेरे पालनहार की पकड़ बहुत कड़ी है। |
إِنَّهُ هُوَ يُبْدِئُ وَيُعِيدُ (13) वही पहले पैदा करता है और फिर दूसरी बार पैदा करेगा। |
وَهُوَ الْغَفُورُ الْوَدُودُ (14) और वह अति क्षमा तथा प्रेम करने वाला है। |
ذُو الْعَرْشِ الْمَجِيدُ (15) वह सिंहासन का महान स्वामी है। |
فَعَّالٌ لِّمَا يُرِيدُ (16) वह जो चाहे करता है। |
هَلْ أَتَاكَ حَدِيثُ الْجُنُودِ (17) हे नबी! क्या तुम्हें सेनाओं की सूचना मिली |
فِرْعَوْنَ وَثَمُودَ (18) फ़िरऔन तथा समूद को। |
بَلِ الَّذِينَ كَفَرُوا فِي تَكْذِيبٍ (19) बल्कि काफ़िर (विश्वासहीन) झुठलाने में लगे हुए हैं। |
وَاللَّهُ مِن وَرَائِهِم مُّحِيطٌ (20) और अल्लाह उन्हें हर ओर से घेरे हुए है। |
بَلْ هُوَ قُرْآنٌ مَّجِيدٌ (21) बल्कि, वह गौरव वाला क़ुर्आन है। |
فِي لَوْحٍ مَّحْفُوظٍ (22) जो लेखपत्र (लौह़े मह़फ़ूज़) में सुरक्षित है। |