Quran with Hindi translation - Surah At-Taubah ayat 44 - التوبَة - Page - Juz 10
﴿لَا يَسۡتَـٔۡذِنُكَ ٱلَّذِينَ يُؤۡمِنُونَ بِٱللَّهِ وَٱلۡيَوۡمِ ٱلۡأٓخِرِ أَن يُجَٰهِدُواْ بِأَمۡوَٰلِهِمۡ وَأَنفُسِهِمۡۗ وَٱللَّهُ عَلِيمُۢ بِٱلۡمُتَّقِينَ ﴾
[التوبَة: 44]
﴿لا يستأذنك الذين يؤمنون بالله واليوم الآخر أن يجاهدوا بأموالهم وأنفسهم والله﴾ [التوبَة: 44]
Maulana Azizul Haque Al Umari aapase (peechhe rah jaane kee) anumati vah nahin maang rahe hain, jo allaah tatha antim din (pralay) par eemaan rakhate hon ki apane dhanon tatha praanon se jihaad karenge aur allaah aagyaakaariyon ko bhali-bhaanti jaanata hai |
Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed जो लोग अल्लाह और अंतिम दिन पर ईमान रखते है, वे तुमसे कभी यह नहीं चाहेंगे कि उन्हें अपने मालों और अपनी जानों के साथ जिहाद करने से माफ़ रखा जाए। और अल्लाह डर रखनेवालों को भली-भाँति जानता है |
Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi (ऐ रसूल) जो लोग (दिल से) ख़ुदा और रोज़े आख़िरत पर ईमान रखते हैं वह तो अपने माल से और अपनी जानों से जिहाद (न) करने की इजाज़त मॉगने के नहीं (बल्कि वह ख़ुद जाऎंगे) और ख़ुदा परहेज़गारों से खूब वाक़िफ है |